पंचतंत्र की कहानी: बंदर और लकड़ी का खूंटा – bandar aur lakdi ka khunta गुरूजी की इस बात को सुनकर शिष्य अत्यत दुखी हुआ. उसे गुरूजी द्वारा ऐसे शब्द कहें जाने की उम्मीद नहीं थी। और वह शिष्य अपने आप को ज्ञानवान अक्लमंद भी समझता था सो उसके अहम को https://lokhitkhabar.com/